एक चिड़िया की कहानी -शिक्षाप्रद बाल कहानी
एक चिड़िया की कहानी

एक चिड़िया थी जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फंस गया था | चिड़िया ने पेड़ से उस दाने को दे देने के लिए बहुत अनुरोध किया लेकिन पेड़ उस छोटी सी चिड़िया की बात भला कहां सुनने वाला था |
हार मान कर चिड़िया बढ़ई के पास गई और उसने उससे अनुरोध किया कि तुम उस पेड़ को काट दो, क्योंकि वो मेरा दाना नहीं दे रहा | भला एक दाने के लिए बढ़ई पेड़ कहां काटने वाला था |
फिर चिड़िया राजा के पास गई और उसने राजा से कहा कि तुम बढ़ई को सजा दो क्योंकि बढ़ई पेड़ नहीं काट रहा और पेड़ मेरा दाना नहीं दे रहा | राजा ने उस नन्हीं चिड़िया को डांट कर भगा दिया क्योंकि कहां एक दाने के लिए वो राजा तक पहुंच गई थी ।
चिड़िया हार नहीं मानने वाली थी अब वह महावत के पास गई और कहा कि अगली बार राजा जब हाथी की पीठ पर बैठेगा तो तुम उसे गिरा देना, क्योंकि पेड़ मेरा दाना नहीं देता | और बढ़ई पेड़ नहीं काटता और राजा ने बढ़ई को सजा नहीं दी | महावत ने भी चिड़िया को डपट कर भगा दिया |
चिड़िया फिर हाथी के पास गई और उसने अपने अनुरोध को दुहराया कि अगली बार जब महावत तुम्हारी पीठ पर बैठे तो तुम उसे गिरा देना क्योंकि वो राजा को गिराने को तैयार नहीं, राजा बढ़ई को सजा देने को तैयार नहीं, बढ़ई पेड़ काटने को तैयार नहीं , पेड़ दाना देने को राजी नहीं। हाथी बिगड़ गया उसने कहा- ऐ छोटी चिड़िया तू इतनी सी बात के लिए मुझे महावत और राजा को गिराने की बात सोच भी कैसे रही है?
चिड़िया आखिर में चींटी के पास गई और वही अनुरोध दोहराकर कहा कि तुम हाथी की सूंढ़ में घुस जाओ यह सुनकर चींटी ने चिड़िया से कहा, "चल भाग यहां से बड़ी आई हाथी की सूंढ़ में घुसने को बोलने वाली।
अब तक अनुरोध की मुद्रा में रही चिड़िया ने रौद्र रूप धारण कर लिया उसने चींटी से कहा कि "मैं चाहे पेड़, बढ़ई, राजा, महावत, और हाथी का कुछ न बिगाड़ पाऊं पर तुझे तो अपनी चोंच में डाल कर खा ही सकती हूँ |
चींटी डर गई और भाग कर वो हाथी के पास गई, हाथी भागता हुआ महावत के पास पहुंचा, और महावत राजा के पास जाकर कहने लगा कि हुजूर चिड़िया का काम कर दीजिए नहीं तो मैं आपको गिरा दूंगा यह सुनकर राजा ने फौरन बढ़ई को बुलाया और उससे कहा कि पेड़ काट दो नहीं तो सजा दूंगा | बढ़ई पेड़ के पास पहुंचा तो बढ़ई को देखते ही पेड़ बिलबिला उठा और कहने लगा कि मुझे मत काटो, मैं चिड़िया को दाना लौटा दूंगा | अंत में जीत चिड़िया की ही हुई।
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