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ईमानदारी - शिक्षाप्रद हिंदी कहानी

 ईमानदारी सर्वोच्च नीति हैं 


imandari hindi kahani

     किसी गाँव में एक राहुल नाम का युवक रहता था । जो स्वभाव से बहुत ही गंभीर था । उसकी पढाई पूरी हो चुकी थी लेकिन उसे कोई नौकरी नहीं मिली थी । दिन रात वह नौकरी की  तलाश में इधर – उधर भटकता रहता था । राहुल एक ईमानदार व्यक्ति भी था इसलिये भी उसे काम मिलने में मुश्किल आ रही थी । राहुल के दिन इतने ख़राब हो चुके थे कि उसे मजदूरी करनी पड़ी । रोजी रोटी के लिए उसके पास अब कोई विकल्प नहीं था । राहुल पढ़ा लिखा था जो उसके व्यवहार से स्पष्ट नजर आता था ।

      एक दिन राहुल एक सेठ के घर मजदूरी कर रहा था । सेठ का ध्यान राहुल के ऊपर ही था । सेठ को समझ आ गया था कि राहुल एक पढ़ा लिखा समझदार लड़का हैं लेकिन परिस्थती वश उसे ऐसे मजदूरी का काम करना पड़ रहा है । सेठ को अपने एक विशेष काम के लिए एक ईमानदार व्यक्ति की जरुरत थी , इसलिए उसने राहुल की परीक्षा लेने का विचार किया । 

    सेठने एक दिन राहुल को अपने पास बुलाया और उसे पचास हजार रूपये दिए जिसमे सौ-सौ के नोट थे और कहा भाई तुम ईमानदार लगते हो ये पैसे मेरे एक व्यापारी को दे आओ । राहुल ने ईमानदारी से पैसे पहुँचा दिए ।

   अगले दिन,व्यापारी ने राहुल को फिर से पैसे दिए इस बार उसने राहुल को बिना गिने पैसे दिए कहा खुद ही गिन लो और व्यापारी को दे आओ । राहुल ने ईमानदारी से काम किया ।सेठ पहले से ही गल्ले में पैसे गिनकर रखता था पर वो राहुल की ईमानदारी की परीक्षा लेना चाहता था । इसलिए रोज वह सेठ उसे पैसे देने भेजता था ।

     राहुल की आर्थिक स्थति तो बहुत ही ख़राब थी । एक दिन उसकी नियत डोल गयी और उसने सो रूपये चुरा लिए । जिसका पता सेठ को लग गया पर सेठ ने कुछ नहीं कहा । फिर से राहुल को रूपये देने भेजा । सेठ के कुछ न कहने पर राहुल की हिम्मत और बढ़ गयी । राहुल अब प्रतिदिन चोरी करने लगा ।

     सेठ को आशा थी कि राहुल उसे सच बोलेगा लेकिन राहुल ने नहीं बोला । एक दिन सेठ ने राहुल को काम से निकाल दिया । वास्तव में सेठ अपने जीवन का एक सहारा ढूंढ रहा था ।क्योंकि उसकी कोई संतान नहीं थी । राहुल को भोला भाला जानकर उसने उसकी परीक्षा लेने की सोची थी । अगर राहुल सच बोलता तो सेठ उसे अपनी दुकान सौंप देता ।

    जब राहुल को इस बात का पता चला  तो उसे बहुत दुःख हुआ और उसने स्वीकार किया कि कैसी भी परिस्थती हो हमें  ईमानदारी का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि  "ईमानदारी ही सर्वोच्च नीति  होती हैं ।"

 कहानी से सीख :- ईमानदारी ही सर्वोच्च नीति  होती हैं ।"

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