पत्थर की कीमत -शिक्षाप्रद हिंदी कहानी

 पत्थर की कीमत


Pathar ki kimat hindi kahani

       बहुत समय पहले  एक हीरे का  व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, परन्तु दुर्भाग्यवश  गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। अब उसके परिवार में उसकी पत्नी और बेटा रह गया। समय के साथ-साथ  उनकी आर्थिक स्थति बहुत खराब हो गई थी | जब व्यापारी का  बेटा बड़ा हुआ तो एक दिन उसकी माँ ने कहा- बेटा, मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इस पत्थर को  लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमत का पता लगाओ , ध्यान रहे कि तुम्हें  केवल इस पत्थर की  कीमत पता करनी है, इसे बेचना नहीं है।

         व्यापारी का बेटा अपनी माँ से  पत्थर लेकर घर से  निकला, सबसे पहले उसे एक सब्जी बेचने वाला मिला। उसने सब्जी वाले से पूछा भाई , तुम इस पत्थर के बदले मुझे क्या दे सकते  हो ? सब्जी वाला बोला - देना ही है तो दो गाजरों के बदले मुझे यह पत्थर  दे दो सब्जी तौलने के काम ही आएगा।

            व्यापारी का बेटा आगे बढ़ गया। इस बार वह  एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही। तब  दुकानदार बोला- मैं  इसके बदले ज्यादा से ज्यादा  500  रूपये दे सकता हूँ  देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़ जाओ।

           व्यापारी का बेटा इस बार एक सुनार के पास गया। सुनार ने पत्थर के बदले 20 हजार रूपये  देने की बात की। व्यापारी का बेटा वहाँ से चला गया और  फिर वह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहाँ  उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला यह सुनकर व्यापारी का बेटा वहाँ से भी  चला गया और अंत में व्यापारी का बेटा  शहर के सबसे बड़े हीरा विशेषज्ञ के पास पहुंचा और बोला- श्रीमान, कृपया इस पत्थर की कीमत बताने का कष्ट करें। विशेषज्ञ ने ध्यान से पत्थर का निरीक्षण किया और आश्चर्य से व्यापारी के बेटे  की तरफ देखते हुए बोला- "यह तो एक अमूल्य हीरा है, करोड़ों रूपये देकर भी ऐसा हीरा मिलना मुश्किल है।"

कहानी से सीख :- हमारा जीवन अमूल्य है परन्तु सभी प्रकार के व्यक्तियों द्वारा इसका वास्तविक मूल्य आंकना संभव नहीं है | 

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